Sunday, November 21, 2010

तेरा अहसास

जब तू मेरे साथ खड़ा था,
तो तेरा अहसास नहीं था
आज तू मेरे पास नहीं
तो तेरी याद आती है
अभी तुझे सोचा तो याद न आयी
जब तू चला गया तो ये आंख भर आयी
रह रह कर वो बातें याद आती है
तेरी कही हर बात जुबा पर चली आती है
ना जाने क्या हुआ है मुझको आजकल
वो तेरी हर लगन खोजता हु
जिसमे बसी वो सांसे
वो धड़कन खोजता हु

No comments:

Post a Comment