Tuesday, March 1, 2011

परिवर्तन की बातों पर, सोचने सा लगा हु ,


ना जाने क्या हो रहा है आज कल
खोने सा लगा हु ,
परिवर्तन की बातों पर
सोचने सा लगा हु ,
कुछ दिशाओ की राह
आसान सी न रह गयी
कुछ हवाओ का रुख से
बेमुख सा होने लगा हु
न जाने क्या हो रहा है आज कल
खोने सा लगा हु
कुछ कुछ पल करते
कुछ साल बीत गए
आज कल के संशय में
कुछ साथ छुट गए
न जाने कब वो बयार बहेगी
अब ये मांगने सा लगा हु
परिवर्तन की बातों पर
सोचने सा लगा हु !!!!!

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