Sunday, November 21, 2010

पुरानी जीत अब हार गयी

आज अचानक कुछ आहट सी हुई
मुझे लगा , शायद वो आ गए
जिंदगी के हर पहलु को वो भुला गए
वो बीतें हुए पल के दर्द में दबा गए
जीना था जिन्हें सालो साल
वो इस उम्र में ही हार गए
गम के साये साथ लाये थे
पुरानी बातें वो भूल न पाए थे
सोच था कुछ कर जाने की
कुछ करने की चाहत में
अपनों के भी पास ना आ पाए थे
ज़िन्दगी ने बहुत दिया इस उम्र में
बस प्यार ही खो आये थे
अब सब कुछ लगता है बेगाना
सभी को है अपनाना
जीवन के हर मोड़ पर
साथ चलने का है अब ठाना
कुछ की चाहत बहुत कुछ हो गयी
ज़िन्दगी की चमक फिर से उभर गयी
सपने सजोने के दिन फिर आयेंगे
"शायद" आज हम पुराने जीत को भूल जायेंगे

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