Sunday, November 21, 2010

आने वाले कुछ लम्हों में ही सही, वो पुरानी बात दोहराएगी !!!!!!!!!!

न जाने आज उस अनजाने से चेहरे का
ऐतबार न कर सका
उसके उड़ते हुए ख्वाब पर
विश्वास न कर सका
उसकी ख़ामोशी कुछ कहने
को थी आतुर
मैं समझने का प्रयाश न
कर सका
मिलने की हुई, चेष्टा पर एक आती हुए
आवाज़ ना सुन सका
बीते हुए पलो के कुछ अहसासों से
मिलान ना कर सका
उसकी चेहरे के आलोक को
अपने में समां ना सका
उसकी वाणी को अपने
तक पंहुचा भी ना सका
"शायद" कभी तो उसकी आवाज़ एक
राह दिखाएगी
आने वाले कुछ लम्हों में ही सही
वो पुरानी बात दोहराएगी !!!!!!!!!!

No comments:

Post a Comment