Monday, December 27, 2010

पूछते रहे वो हर पल जोड़कर , कहता गया मैं भी दिल तोड़ कर


आज का दिन कुछ खास रहा

मुझ पर उनका विश्वास रहा

पूछते रहे वो हर पल जोड़कर

कहता गया मैं भी दिल तोड़ कर

कुछ कह दिया

कुछ कहना रह गया

कुछ बातों में उन्हें भ्रम रहा

कुछ का अहसास हुआ

पिछली कुछ बातें जब याद दिलाई

सहसा उन्हें उस पर विश्वास न हुआ

उनकी इस अविश्वसिनायता

मेरे पैर डगमगा से गए

और मैं अपने राह से लगा भटका हुआ

मैंने फिर हिम्मत किया

कह दिया सब बंदिसे तोड़कर

पूछते रहे वो हर पल जोड़कर

कहता गया मैं भी दिल तोड़ कर !!!!!!!!!!!

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