समझोते की आग कुछ यु सुलग उठेगी
कर्णपल्लव को ये आस न था
हम सब यु मिल बैठेगे एक साथ
इसका विश्वास न था ,
जमीन से जुड़ने का कुछ तो
अर्श मिल गया
हम कल रहे या ना रहे
इसका अर्थ मिल गया /
नाम कुछ भी हो उसका
एक ठिकाना सा मिल गया
न चाहते हुए भी
एक याराना मिला गया
कही कुछ आहट सी हुई
कही कुछ स्थिति विकट सी हुई
कुछ का अपनापन था
कुछ का समझोता भर था
कुछ अपने दुःख से थे व्यथित
कुछ अपने साथ से थे ग्रसित
लेकिन एक चाहत साथ थी आयी
ये रात बार बार क्यों ना आयी
"शायद " इसका किसी को आभास न था ,
हम सब यु मिल बैठेंगे इसका
विश्वास न था ///
कर्णपल्लव को ये आस न था
हम सब यु मिल बैठेगे एक साथ
इसका विश्वास न था ,
जमीन से जुड़ने का कुछ तो
अर्श मिल गया
हम कल रहे या ना रहे
इसका अर्थ मिल गया /
नाम कुछ भी हो उसका
एक ठिकाना सा मिल गया
न चाहते हुए भी
एक याराना मिला गया
कही कुछ आहट सी हुई
कही कुछ स्थिति विकट सी हुई
कुछ का अपनापन था
कुछ का समझोता भर था
कुछ अपने दुःख से थे व्यथित
कुछ अपने साथ से थे ग्रसित
लेकिन एक चाहत साथ थी आयी
ये रात बार बार क्यों ना आयी
"शायद " इसका किसी को आभास न था ,
हम सब यु मिल बैठेंगे इसका
विश्वास न था ///